मृतक की आत्मा को मुक्ति देने के लिए कर लें गरूड़ पुराण में बताया गया ये उपाय!

मृतक की आत्मा को मुक्ति कैसे प्रदान करें?

इस धरती पर जिस मनुष्य और जीव ने जन्म लिया है, उसे एक न एक दिन तो अपना देह त्याग कर मृत्यु को प्राप्त होना ही है. लेकिन ये जरूरी नहीं है कि बढ़ती उम्र के ही बाद मनुष्य अपना देह त्यागता है. कोई मनुष्य किसी घटना या बीमारी के चलते भी मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं. माना जाता है कि ऐसे लोगों की कम उम्र में अकाल मृत्यु होने की वजह से इनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती. जो बाद में दर-दर घूमती है. ऐसे में गरूड़ पुराण के मुताबिक, आपको एक ऐसा उपाय बताएंगे, जिससे अकाल मृत्यु वाले लोगों की आत्मा को शांति प्राप्त हो सकती है.

गरूड़ पुराण के अनुसार, गरूड़ भगवान श्रीहरि विष्णु के वाहन माने जाते हैं. गरूड़ पुराण में भगवान विष्णु और उनके वाहन गरूड़ के बीच के संवाद को दर्शाया गया है. इसमें मनुष्य के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक की सभी बातों का जिक्र किया गया है. इसी के जरिए किसी व्यक्ति के अकाल मृत्यु होने के बाद उसकी आत्मा को शांति दिलाने के उपायों पर भी व्याख्या दी गई है.

मृतक की आत्मा को मुक्ति देने के लिए कर लें गरूड़ पुराण में बताया गया ये उपाय!

यदि किसी मनुष्य की मृत्यु समय से पहले किसी कारणवश हो जाती है, तो उसकी आत्मा शांति के लिए दर-दर भटकती है. इसलिए गरूड़ पुराण के अनुसार, उसकी आत्मा को मुक्ति प्राप्त करने के लिए नारायण बलि का पूजा-पाठ कराया जाता है. कहा जाता है कि आत्मा को शांति न मिलने से वे प्रेत योनी में चली जाती है. जिससे वह डरावनी हो जाती है और आम मनुष्यों को भी हानि पहुंचा सकती है. साथ ही, यह भी माना जाता है कि जब तक उसको शांति नहीं मिलती, वो लोगों को परेशान करने लगती है और उसी जगह विचरण करती है.

तीर्थस्थल पर कराएं नारायण बलि पूजा

ऐसे में नारायण बलि की पूजा एकमात्र ऐसा उपाय है, जो उस आत्मा को सभी कर्मकांड से मुक्ति दिला सकता है. नारायण बलि का पाठ किसी तीर्थ स्थान पर कराना चाहिए. इस पूजा के दौराण ब्रह्मा, विष्णु और महेश के नाम से त्रिदेवों के अलग-अलग पिंड बनाए जाते हैं. इस पूजा को मृतक के परिजन ही करा सकते हैं. इस पूजा को कराने से पितृ दोष भी समाप्त होता है.