हिंदू धर्म में छठ पूजा का व्रत सबसे कठिन माना जाता है. इसलिए इस व्रत को आमतौर पर महिलाएं ही करती हैं.

महिलाएं छठ का ये व्रत करीब 36 घंटों तक लगातार रखने के बाद इसका पारण करती है.

लोक आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व में सूर्य देवता को सबसे अहम माना गया है.

माना जाता है कि सूर्योदय के दौरान सूर्य को अर्घ्य देने से मनुष्य को सभी तरह के रोगों से छुटकारा मिलता है.

छठ एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें उगते सूर्य के साथ-साथ छुपते सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है.

ऐसा कहा जाता है कि सांयकाल के दौरान सूर्य डूबने के साथ अपनी पत्नि प्रत्यूषा के साथ रहते है.

यही कारण है कि छठ पर्व के दौरान सबसे पहले संध्या के दौरान सूर्य और प्रत्यूषा को अर्घ्य देकर उपासना की जाती है.

संध्या अर्घ्य देने के पीछे भी स्वास्थ्य लाभ और परेशानियों से मुक्ति मिलने की मान्यता है.

संध्या अर्घ्य देने के बाद अगले दिन ऊषा अर्घ्य देने की भी मान्यता है. इसी के साथ महिलाएं अपने 36 घंटों के कठोर व्रत का पारण करती हैं.