Chhath Puja 2023: सूर्य के समान ठेकुएं के बिना अधूरी है छठ पूजा!

Chhath Puja 2023: सूर्य के समान ठेकुएं के बिना अधूरी है छठ पूजा!

लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व 17 नवंबर से शुरू होने जा रहा है. ये महापर्व 20 नवंबर तक चलेगा. चार दिन के इस महापर्व में अलग-अलग प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाने की रीत है. जिसमें ठेकुएं को महाप्रसाद माना गया है. आइए जानते है कि ठेकुएं का छठ पूजा के व्यंजनों में इतना महत्व क्यों है.

छठ पूजा में सूर्य देवता का काफी महत्व है. ठेकुए के बिना छठ पूजा अधूरी मानी जाती है. असल में देखा जाए, तो ठेकुए का आकार-प्रकार और रंग सूर्य जैसा दिखता है. इस कारण से ठेकुआ को सूर्य का प्रतीक भी माना जाता है. छठी माता को भी विशेष रूप से ठेकुआ ही चढ़ाया जाता है. इस विशेष प्रसाद को बनाने के भी कई नियम है. छठ के अवसर पर ठेकुआ बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी का ही इस्तेमाल करना चाहिए.

Chhath Puja 2023: सूर्य के समान ठेकुएं के बिना अधूरी है छठ पूजा!

ठेकुआ बनाने की सामग्री में गेहूं और गुड़ शामिल है. ठेकुआ बनाने के लिए गेहूं के आटे में गुड़ को साना जाता है. इसके ऊपर से इसमें नारियल को कसके डाला जाता है. साथ ही, थोड़ा घी और इलाइची भी इसमें मिश्रित की जाती है. अक्सर, ठेकुआ लकड़ी के गोल सांचे पर ही बनाया जाता है. जिसे कढ़ाई में हल्की आंच पर सुनहरा होने तक तला जाता है.