चंद्र ग्रहण 2023: साल में करीब 4 ग्रहण लगते हैं. जिसमें से 2 सूर्य ग्रहण होते हैं और 2 चंद्रग्रहण. ग्रहण को हिंदू शास्त्रों में शुभ माना गया है. कई बातें ऐसी होती है, जो सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण लगने तक ध्यान में रखनी चाहिए. अब तक इस साल के दोनों सूर्य ग्रहण और एक चंद्र ग्रहण लग चुके हैं. अब आखिरी यानी इस साल का दूसरा चंद्रग्रहण आज 28 अक्टूबर को लगने जा रहा है.

आज आश्र्विन पूर्णिमा का खग्रास चंद्रग्रहण लगेगा. जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा क्रमश: सीधी रेखा में आ जाती है. यानी चंद्रमा जब पृथ्वी के ठीक पीछे आ जाती है, तब चंद्र ग्रहण लगता है. चंद्रमा के पूरी तरह पृथ्वी के गर्भ में आने से उस तक सूर्य की रोशनी नहीं पहुंचती. इसी खगोलिए घटना को खग्रास चंद्र ग्रहण कहा जाता है. ये चंद्र ग्रहण भारत के साथ समस्त एशिया, यूरोप, अफ्रीका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा.
नकारात्मकता को दूर करने के लिए करें ये उपाय-
कहा जाता है कि चंद्र ग्रहण होने से ठीक 9 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है. चूँकि ग्रहण लगने से निगेटिविटी ज्यादा बढ़ जाती है. इसलिए इसके सूतक के चलते कई ऐसी बातें है जिनका विशेष ख्याल रखना चाहिए. ग्रहण के समय दूध,दही या पानी से भरे बर्तनों में तुलसी के पत्ते डाल कर रख देने चाहिए. मान्यता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण की किरणों का नकारात्मक प्रभाव सीधे खाने-पीने की सामग्रियों पर पड़ता है. इसलिए इस दौरान खाना-पीना नहीं चाहिए. तुलसी के पत्ते में पारा होता है, जिससे उसे किसी भी खाने-पीने की चीज़ों पर रखने के बाद ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव उस सामग्री पर नहीं पड़ता.

ग्रहण के दौरान रसोई से संबंधित कोई कार्य नहीं करना चाहिए. इस दौरान पूजा-पाठ से जुड़ें कोई कार्य नहीं करने चाहिए. न ही देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्पर्श करना चाहिए.