सनातन धर्म में देवी लक्ष्मी को धन की देवी का दर्जा दिया गया है. हिंदुओं में इन देवी को घर की सुख-समृद्धि के लिए पूजा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इन देवी के पग जिस भी घर में पड़ते है, वो घर धन-संपत्ति से भर उठता है. चारों ओर माँ लक्ष्मी के आशीर्वाद से उस घर में खुशियां गूंजती है. उस व्यक्ति के घर की तिजौरी कभी खाली नहीं रहती. वैभव की कमी नहीं होती. लेकिन क्या आप इस बात इस बात से विदित है कि जिस प्रकार धन-दौलत और ऐश्वर्य के लिए माता लक्ष्मी शुभ है, उतनी उनकी बड़ी बहन यानी अलक्ष्मी अशुभ हैं?

शायद आप इन माता का नाम सुन कर हैरान हो गए होंगे. क्योंकि माँ लक्ष्मी और उनकी करुणा के बारें में तो हर कोई जानता है. बहुत कम ही लोग होते है जिसे माता अलक्ष्मी और उनकी कूदृष्टि के बारे में ज्ञात होगा. आइए जानते है.
हिंदू धर्म में माँ को नारी शक्ति का रूप माना गया है. चाहे माँ पार्वती का काली सा विकराल रूप हो या फिर सिद्धिदात्री सा उदार और दयालु. हर माँ अपने भक्तों के प्रति बहुत दयालू होती है. जितनी घातक माँ असुरों और दैत्यों के लिए होती है, उससे कई ज्यादा कृपालु और उदार माँ अपने भक्तों के लिए होती है. कुछ ऐसी ही माँ लक्ष्मी भी है. माता लक्ष्मी अपने भक्तों के घर धन-दौलत और खुशियों से भरने वाली है, वहीं इनसे ठीक विपरित इनकी बहन अलक्ष्मी है.

माँ लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी
अलक्ष्मी सुनते ही आप समक्ष सकते है कि ये माता खुशियों से भरा घर उजाड़ देने वाली हैं. आइए जानते है इन माता की पौराणिक कथा. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इन माता की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान की मानी जाती है. इनका विवाह उद्दालक नाम के मुनि के साथ हुआ. विवाह के उपरांत जब मुनि उद्दालक मां अलक्ष्मी को अपनी झोपड़ी के अंदर ले जाने लगे. तो अलक्ष्मी ने साफ झोपड़ी देखकर उसमें प्रवेश करने से मना कर दिया. इसको लेकर मुनि से पूछे जाने पर माता ने कहा कि साफ घरों में केवल उनकी बहन लक्ष्मी वास करती है. मैं गंदे घरों और गंदी जगहों पर प्रवेश करती हूँ. इसके अलावा लोगों के बीच झगड़ों का कारण बनती हूँ.