शारदीय नवरात्रि के नौ दिन नारीशक्ति का प्रतीक होते है. इन नौ दिनों में देवी माँ के नौ अलग स्वरूप की उपासना की जाती है.

ऐसे में नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित होता है. इस साल के शारदीय नवरात्रि की सप्तमी तिथि 21 अक्टूबर को पड़ रही है.

मां के कालरात्रि नाम से सबके ज़हन में उनकी मुरत काफी भयावह तौर पर बनती है. लेकिन ये माता तो अपने भक्तों को संकटों से उबारने वाली हैं.

माई कालरात्रि को स्मरण करने से दानव, दैत्य, भूत-प्रेत का डर भाग जाता है. माँ का शरीर घने अंधकार की तरह काला है.

माँ के केश बड़े और बिखरे हुए हैं. ब्रह्मांड के समान गोलाकार में मां के नेत्र हैं.

साथ ही, मां के गले में बिजली की तरह चमकती माला और चार भुजाएं है.

मां दुष्टों का विनाश करती है. उनके काल का कारण बनती है. इसलिए कालरात्रि कहलाती हैं.

मां अपने भक्तों को हमेशा शुभ फल का आशीर्वाद देती है, इसलिए शुंभकरी भी कहलाई जाती हैं.

माँ को प्रसन्न करने के लिए इन मंत्रों का करें उच्चारण-

1. ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम: .

2. ॐ कालरात्र्यै नम: