पितृ पक्ष का दिन अपने पितरों का श्राद्ध और उनका तर्पण करने का होता है.
इस साल पितृ पक्ष की शुरूआत 29 सितम्बर से हो चुकी है. जो 14 अक्टूबर तक चलेगा.
शास्त्रों में कहा गया है कि पितृपक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध करने से उनका आशीर्वाद मिलता है. साथ ही कुंडली में लगा पितृ दोष भी समाप्त होता है.
शास्त्रों में कहा गया है कि मृतकों की कुछ चीजें ऐसी होती है, जिन्हें खुद के प्रयोग में कभी नहीं लाना चाहिए. कहा गया है उनकी चीजों को इस्तेमाल करने से पितृ दोष लगता है.
ज्योतिषियों के मुताबिक, मृतकों के कपड़े और गहनों को कभी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इनका इस्तेमाल करने से मनुष्य को पितृ दोष लग सकता है.
मृतक व्यक्ति के कपड़ों का खुद प्रयोग करने की जगह उन्हें दान करना शुभ माना गया है.
दान करने से पितरों के आत्मा को शांति मिलती है. इससे वे उस मनुष्य को अपना आशीर्वाद देते है.
इसी तरह से उनके गहनों को भी प्रयोग नहीं करना चाहिए. इसकी जगह उन्हें गलाकर दोबारा प्रयोग कर सकते है.