दाएं या बाएं, कौन-सी दिशा के सूंड वाले होने चाहिए विघ्नहर्ता !

दाएं या बाएं, कौन-सी दिशा के सूंड वाले गणेश जी माने जाते है शुभ !

सनातन धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना जाता है. अथवा हर काम की शुभ शुरूआत से पहले उसका श्रीगणेश किया जाता है. साथ ही, किसी प्रकार के मांगलिक कार्य में भी गणेश जी की सर्वप्रथम पूजा की जाती है. श्री गणेश को सबके विघ्नों को हरने वाला विघ्नहर्ता कहा जाता है. ये सुख-समृद्धि के दाता है. इसलिए गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर हर कोई भगवान गणेश की प्रतिमा को धूमधाम से अपने घरों में स्थापित करता है.

दाएं या बाएं, कौन-सी दिशा के सूंड वाले होने चाहिए विघ्नहर्ता !

कहा जाता है कि गणेश जी की प्रतीमा को विधिवत स्थापित किया जाना चाहिए. लेकिन जब श्री गणेश की मूर्ति की स्थापना की बात आती है, तो हम लोग इस दुविधा में पड़ जाते है कि गणेश जी की सूंड किस दिशा में मुड़ी होनी चाहिए. तो चलिए आपको हम इसी समस्या का समाधान देते हुए बताते है कि किस दिशा के सूंड वाले गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए.  

घर में गणेश जी की प्रतिमा को विराजित करने के लिए बाएं हाथ की ओर सूंड वाले गणेश जी शुभ माने जाते है. कहा जाता है कि इस मूर्ति से घर में सकारात्मकता बढ़ती है. साथ ही, सुख-समृद्धि बनी रहती है. सीधे सूंड के गणेश जी को भी घर में स्थापित करना शुभ माना गया है.

हालांकि, घर में दाएं ओर के सूंड वाले गणेश जी को स्थापित करना अशुभ माना गया है. इसका कारण ये है कि दाएं ओर के सूंड वाले गणेश जी ज़िद्दी स्वभाव के माने जाते है. ऐसे में इनका पूजा-पाठ करना आसान नहीं माना जाता है.