सनातन धर्म में देवी-देवता की पूजा प्रत्येक दिन सुबह और शाम को किया जाता है. ईश्वर की पूजा बिना दीप प्रज्वलित किए अधूरी मानी जाती है. प्रत्येक पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान में दीपक जलाना बेहद मायने रखता है. पूजा घर हो या मंदिर, नियमित रूप से सुबह और शाम के समय दीपक जलाकर भगवान की आरती की जाती है. वैसे तो दिवाली के अवसर पर पूरे घर में घी का दीपक कई लोग जलाते हैं लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी है जो आम दिनों में भी शाम के समय मुख्य द्वार पर दीपक जलाते है. ऐसा करने से मनुष्य को कई सारे लाभ प्राप्त होते हैं.

दीपक जलाने का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति नियमित रूप से अपने घर में घी या तेल का दीपक जलाता है, उसके जीवन से न सिर्फ अंधकार दूर होता है, बल्कि घर में फैली हुई नकारात्मकता भी दूर हो जाती है. शास्त्रों में कहा गया है कि नियमित रूप से दीपक जलाने से जीवन में आ रही अनेक तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं. वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि दीपक जलाने से घर का वास्तु दोष भी दूर हो सकता है.
मुख्य द्वार पर दीपक जलाने के फायदे
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से सुख-समृद्धि बढ़ती है और पॉजिटिविटी का संचार होता है. मान्यता है कि मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में वास करती हैं. जिससे जीवन में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती.

किस जगह जलाएं दीपक?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से मनुष्य की कुंडली में मौजूद राहु का दुष्प्रभाव कम हो जाता है. मुख्य द्वार के अलावा, शाम के समय तुलसी के पास दीपक जलाना काफी शुभ माना गया है. ऐसा करने से मनुष्य को किसी भी तरह की आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता. शाम को 5 बजे से 8 बजे के बीच घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना बेहद लाभकारी होता है. आप घर से निकलते हैं तो दाएं हाथ की तरफ दीपक जलाना चाहिए.