हिंदू धर्म में प्रत्येक तिथि एक अलग और खास स्थान रखती है. हिंदु पंचांग में एक महीने को शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के नाम से दो भागों में बांटा गया है. जिसमें दोनों पक्षों में 15-15 दिन होते हैं. इन तीस दिनों में पूर्णिमा और अमावस्या एक-एक बार आती है. वहीं, हर महीने के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहा जाता है. इस दिन चांद नहीं दिखाई देता है.

अमावस्या का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान और दान पुण्य करने की परंपरा काफी प्रचलित है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव माने जाते हैं. इन्हें पितरों का दिन भी कह सकते हैं. आइए जानते हैं कि इस दिन क्या काम नहीं करना चाहिए?
इन चीजों का सेवन है वर्जित
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, अमावस्या के दिन भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि जो व्यक्ति अमावस्या के दिन मांस मदिरा का सेवन करता है, उसे हमेशा आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा लहसुन, प्याज को तामसिक भोजन माना गया है जिसे अमावस्या के दिन खाने से परहेज रखना चाहिए.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या के दिन भूलकर भी किसी व्यक्ति को बाल और नाखून नहीं काटना चाहिए. ऐसा करने से आपके पितृ आपसे नाराज हो सकते हैं, जिससे पितृ दोष लग सकता है. इसके अलावा अमावस्या के दिन बाल धोना भी वर्जित माना गया है. मान्यता है कि इस दिन बाल धोने से मनुष्य को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं.
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इस काम से नाराज हो सकती हैं देवी लक्ष्मी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन लड़ाई-झगड़ा करना और किसी को अपशब्द कहना काफी अशुभ है. इसके अलावा अमावस्या के दिन झाड़ू भी नहीं खरीदनी चाहिए. ऐसा करने से माता लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं. इस दिन मुंडन और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य भी नहीं करना चाहिए. ये सब करने से घर की सुख-समृद्धि भंग हो जाती है और माता लक्ष्मी नाराज होकर घर से बाहर चली जाती है.