सावन का पावन महीना भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। इस दौरान विधि-विधान से भगवान शंकर की पूजा की जाती है। सावन के महीने में शिवभक्त भगवान शंकर के ज्योतिर्लिंगों के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं। यह परंपरा सदियों से चला आ रहा है। भोलेनाथ के पवित्र स्थलों पर हमेशा ही शिव भक्तों की भीड़ होती है लेकिन सावन में खासतौर पर यहां पर भक्तजन पहुंचते हैं।
भगवान की शिव की पूजा से पहले भक्तजन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और फिर जल लेकर बाबा के दरबार में हाजिरी लगाते हैं उन्हें प्रसन्न करते है। इसी क्रम में आज हम आपको भगवान भोलेनाथ के एक ऐसे भक्त के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी हाथ की हथेली पर पिछले 21 सालों से कपूर जलाकर शिवजी की आराधना कर रहे हैं।
21 वर्षों से कर रहे हैं भोलेनाथ की आराधना

दरअसल, जिस शख्स की हम बात कर रहे हैं, वह शख्स अकोल्ही गांव का रहने वाले राजेश्वर पांडेय है। इनका कहना है कि ये पिछले 21 वर्षों से कपूर को अपनी हथेली पर जलाकर शिव की पूजा करते आ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कपूर से प्रज्वलित अग्नि से उनका दाहिना हाथ जलकर चमड़ी काला हो गया है और हाथ के जितने हिस्से में कपूर जला है, वहां ठेला बन गया है।
भोले शंकर के प्रति जगी आस्था
राजेश्वर पांडेय का कहना है कि उनके मन में भोले शंकर के प्रति असीम आस्था जगी इसलिए वे उनकी आराधना में लग गए. वे लगातार 2002 से भोलेनाथ की आराधना करते आ रहे हैं. वे अपनी हाथ की हथेली पर ही दोनों समय कपूर जलाकर आरती करते हैं. उनके सपने में भगवान भोले शंकर ने नाग के रूप में भी साक्षात दर्शन दिए हैं. यही वजह है कि वे भगवान भोले के प्रति समर्पित हैं.