शारदीय नवरात्रि कब है? जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त

कब है इस साल की शारदीय नवरात्रि? जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त!

 नवरात्रि का त्योहार हिन्दू धर्म को मानने वालों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. हिन्दू इस त्योहार को साल में दो बार मनाते हैं. पहली नवरात्रि चैत्र नवरात्रि के नाम से जानी जाती है और दूसरी नवरात्रि शारदीय नवरात्रि होती है. शारदीय नवरात्रि का अपना अलग ही महत्व है. अगर हम बात शारदीय नवरात्रि की करें तो इस नवरात्रि के विशेष अवसर पर माँ दुर्गा के नौ रूपों को पूजा जाता है.

माँ के हर रूप को 9 दिनों में पूजा जाता है. हर दिन माँ के प्रत्येक रूप का होता है. मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में माँ की आराधना करने से घर परिवार में सुख-शांति आती है. आपको बता दें कि शारदीय नवरात्रि की शरुआत अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. चलिए जानते हैं इस साल शारदीय नवरात्रि का कब से शुभारंभ है?

कब है इस साल की शारदीय नवरात्रि? जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त!

शारदीय नवरात्रि 2023 का शुभारंभ!

हिन्दू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि में आती है. इस साल यह तिथि 11 अक्टूबर से शुरू है. इसकी समाप्ति 16 अक्टूबर की मध्यरात्रि की है. ऐसे में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 15 अक्टूबर की रविवार से होगी और 24 अक्टूबर विजयदशमी के दिन खत्म होगी.

नौ दिन में माता के नौ स्वरूप

  • 15 अक्टूबर 2023- माँ शेलपुत्री की पूजा
  • 16 अक्टूबर 2023- माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा
  • 17 अक्टूबर 2023- माँ चंद्रघंटा की पूजा
  • 18 अक्टूबर 2023- माँ कुष्मांडा की पूजा
  • 19 अक्टूबर 2023- माँ स्कंदमाता की पूजा
  • 20 अक्टूबर 2023- माँ कात्यायनी की पूजा
  • 21 अक्टूबर 2023- माँ कालरात्रि की पूजा
  • 22 अक्टूबर 2023- माँ सिद्धिदात्री की पूजा
  • 23 अक्टूबर 2023- माँ महागौरी की पूजा
  • 24 अक्टूबर 2023-विजयादशमी (दशहरा).

शारदीय नवरात्रि का महत्व

हिन्दू धर्म के लोगों के लिए शारदीय नवरात्रि का अलग ही महत्व है. इन नौ दिनों में माँ दुर्गा की विशेष रूप से उपासना की जाती है. भारत कई प्रकार की विशिष्टताओं के समावेश वाला एक अद्भुत देश है. इसके हर राज्य में नवरात्रि के नौ दिनों को अपने तरीके से मनाया जाता है, जो अपने आप में काफी लाजवाब है. गुजरात में नवरात्रि के नौ दिनों में डांडिया नाइट्स का आयोजन होता है. वहीं अगर बंगाल की बात की जाए, तो यहाँ पर माँ दुर्गा के विशेष पंडाल लगते हैं और सभी बंगाली स्त्रियाँ सिंदूर खेला की रस्में करती हैं. इसी तरह से और कई राज्य हैं जो बड़े ही धूमधाम के साथ माता के 9 दिनों को मनाते हैं.

कब है इस साल की शारदीय नवरात्रि? जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त!

नवरात्रि के आखिरी दो दिनों में यानि कि अष्टमी और नवमी को हर घर में कंजक बैठाई जाती है. कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है. इसलिए यहाँ के लोगों का मानना है कि इस दिन अपने घरों में कन्याओं को पूरे आदर-सत्कार के साथ भोग लगाना चाहिए. ऐसा करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है.

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