नारियल फोड़ना हिंदु धर्म में क्यों शुभ माना जाता है? जानें वजह

हिंदु धर्म में क्यों शुभ माना जाता है नारियल का फोड़ना?

हिंदू धर्म में नारियल फोड़ना शुभ क्यों माना जाता है? बता दें कि हिंदू धर्म मांँ लक्ष्मी के वास को लेकर काफी मान्यताएँ हैं. कहा जाता है कि हिंदू धर्म में हर चीज को माँ लक्ष्मी के शुभ कदमों से जोड़ा जाता है. जैसे नारियल का पूजा में इस्तेमाल होना. नारियल को काफी शुभ माना जाता है. पूजा से जुड़े विधि-विधान से लेकर स्वादिष्ट खाने में नारियल का काफी इस्तेमाल होता है.

मंदिरों में नारियल चढ़ाने को लेकर कई सारी मान्यताएँ हैं. इसके अलावा, पूजा सामग्री में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. कोई भी शुभ काम करने से पहले नारियल फोड़ना शुभ माना जाता है. यह भी कहा जाता है कि नारियल चढ़ाने से दुख-दर्द का नाश होता है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों हैं? क्यों इसे इतना शुभ क्यों माना जाता है? चलिए जानते हैं इसके विशेष महत्व के बारे में.

नारियल

हिंदू धर्म में हर दिन की अपनी खास मान्यता है. सप्ताह का हर एक दिन किसी-न-किसी देवी-देवता को समर्पित है. सनातन धर्म में हर नई शुरुआत से पहले नारियल फोड़ना शुभ माना जाता है. शादी-विवाह, पूजा, त्योहार या किसी नए काम की शुरुआत के साथ, घर में नया वाहन लाने के दौरान नारियल का फोड़ना काफी शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लगभग सभी देवी-देवताओं को नारियल चढ़ाया जाता है. यहाँ तक कि कोई भी पूजा बिना नारियल के अशुभ मानी जाती है. पूजा में मिले प्रसाद के रुप में नारियल को खाने से शरीर की दुर्बलता खत्म होती है.

नारियल से जुड़ा पौराणिक महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी पृथ्वी पर अवतरित होने के समय नारियल का वृक्ष और कामधेनु को भी अपने साथ पृथ्वी पर लाए थे. नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है. जिसमें त्रिदेव यानि कि ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है. इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि भगवान शिव को भी नारियल काफी प्रिय है. इसके पीछे मान्यता यह है कि नारियल पर बनी तीन आखों की तुलना भगवान शिव के त्रिनेत्रोंं से की गई है. यहीं कारण है, जिससे नारियल को इतना शुभ माना जाता है.

हिंदु धर्म में क्यों शुभ माना जाता है नारियल का फोड़ना?

महिलाएँ क्यों नहीं फोड़ सकती नारियल?

नारियल एक बीज का फल है और महिलाएँ भी बीज के रूप में ही अपने बच्चे को जन्म देती है. एक महिला का गर्भधारण करने की इच्छा को पूरा करने के लिए नारियल को काफी फलदायी माना गया है. इसलिए महिलाओं को नारियल फोड़ने के लिए मनाही है. क्योंकि कहा जाता है कि महिला के नारियल फोड़ने से उसके बच्चे को कष्ट पहुँच सकता है. नारियल के बीज को बच्चे का स्वरुप माना जाता है. इसलिए अगर कोई निःसंतान जोड़ा है, तो वह नारियल के बीज को इस्तेमाल करके महादेव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पा सकता है.

साथ ही, गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर भी कच्चा नारियल खाने की सलाह देते हैं. कहा जाता है गर्भधारण के समय महिलाओं के शरीर में काफी सारे बदलाव होते हैं. जिसके चलते कच्चे नारियल का सेवन करने से उनके शरीर को फायदे मिलते हैं.

शुभ काम के समय क्यों फोड़ते है नारियल?

कहा जाता है कि ऋषि विश्वामित्र ने इंद्रदेव से नाराज़ होकर नए स्वर्ग की रचना का फैसला लिया. लेकिन वह उस स्वर्ग से भी असंतुष्ट थे. फिर उन्होंने पूरी सृष्टि को फिर से बनाने का सोचा. उस सृष्टि को बनाने के लिए उन्होंने मानव के रूप में नारियल का निर्माण किया. इसलिए नारियल के खोल पर दो आखों और एक मुख की रचना होती है. पहले के समय में मनुष्य और जानवरों की बली एक समान मानी जाती थी. इसलिए इस परंपरा को तोड़कर ऋषि विश्वामित्र ने मनुष्य के स्थान पर नारियल चढ़ाने की प्रथा शुरु की. तब से पूजा में नारियल फोड़ने का चलन शुरू हुआ. पूजा में नारियल फोड़ने का मतलब होता है कि भक्त नारियल फोड़ने के साथ भगवान के चरणों में खुद को समर्पित कर दिया है.

हिंदु धर्म में क्यों शुभ माना जाता है नारियल का फोड़ना?

पूजा में नारियल का महत्व

कहा जाता है कि पूजा में नारियल को रखने से मां लक्ष्मी का सदैव वास रहता है. कई प्रकार के नारियलों में एक होता है एकाक्षी नारियल. जिसे माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है. मान्यता है कि जिसके घर में यह नारियल होगा, वहाँ कभी धन की कमी नहीं होती. वास्तु शास्त्र में भी अच्छे काम करने से पहले नारियल चढ़ाने को शुभ माना गया है. साथ ही, यह भी बताया गया है कि कलश के ऊपर रखा नारियल भगवान गणेश का रूप है. इसलिए नारियल की स्थापना मुख साधक की तरफ करनी चाहिए.

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