चैत्र नवरात्रि का समय भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक और शुभ माना जाता है। इस दौरान माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है। यदि आप भी इस पावन पर्व पर माता रानी की पूजा कर रहे हैं तो इन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान अवश्य रखें।
1. कलश स्थापना का सही तरीका अपनाएं
- नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना (कलश स्थापना) करना बेहद जरूरी होता है।
- इसे शुभ मुहूर्त में ही करें और ईशान कोण में स्थापित करें।
- कलश पर आम के पत्ते और नारियल रखें और इसमें गंगाजल भरें।
2. व्रत एवं संयम का पालन करें
- व्रत रखने वाले व्यक्ति को सात्विक भोजन करना चाहिए।
- प्याज, लहसुन और तामसिक भोजन से बचें।
- नवरात्रि के दौरान मदिरा और मांसाहार से दूर रहें।
3. माता की पूजा विधि-विधान से करें
- प्रतिदिन माता के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करें।
- माता को लाल फूल, अक्षत, रोली और चंदन चढ़ाएं।
- घी और कपूर से दीपक जलाकर आरती करें।
4. दुर्गा सप्तशती और मंत्रों का जाप करें
- नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती, अर्गला स्तोत्र और चंडी पाठ का पाठ करना शुभ होता है।
- माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करें, जैसे—“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।”
5. कन्या पूजन का विशेष महत्व
- अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन अवश्य करें।
- नौ कन्याओं को भोजन कराएं और उन्हें उपहार दें।
6. घर की साफ-सफाई और पवित्रता बनाए रखें
- पूजा स्थान को स्वच्छ और सुगंधित रखें।
- पूजा के दौरान पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ माता की आराधना करें।
7. अखंड ज्योति जलाएं
- यदि आप अखंड ज्योति जलाते हैं तो इसे बुझने न दें।
- घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं।
8. व्रत का पारण सही तरीके से करें
- नवमी के दिन व्रत का पारण करें और माता को प्रसाद अर्पित करें।
- इस दिन जरूरतमंदों को दान-पुण्य करने से विशेष लाभ मिलता है।